परिभव,दर्प. . .कयास! अरु हयात। अनभिग . . .पथिक, अनभिग अगम्य राह॥ परिभव,दर्प. . .कयास! अरु हयात। अनभिग . . .पथिक, अनभिग अगम्य राह॥
तू दे दे मुझको मेरा प्यार है सिर्फ माँगा। तू दे दे मुझको मेरा प्यार है सिर्फ माँगा।
साथ चले हर आवाजाही आसान हो चला हर सवाल चाह अनचाह हसीन ये जीवन की राह। साथ चले हर आवाजाही आसान हो चला हर सवाल चाह अनचाह हसीन ये जीवन की राह।
जो राह में ग़लतियाँ और भूल हुई ये नज़र अंदाज़ ना करेंगे । जो राह में ग़लतियाँ और भूल हुई ये नज़र अंदाज़ ना करेंगे ।
उन्हीं ने तो कराया मुझे एहसास ख़ामियों का। उन्हीं ने तो कराया मुझे एहसास ख़ामियों का।
निकल पड़े हैं और यूँ कौतूहल से जा पहुँचे मिलने किसी नज़्म से नाज़ुक नज़्म घबराई निकल पड़े हैं और यूँ कौतूहल से जा पहुँचे मिलने किसी नज़्म से नाज़ुक नज़्म घबराई